तारकासुर (ताडकासुर) देवताका गण निम्न [१][सम्पादन गर्ने]
दिती वंशज अबैदिक ताराकासुर गण हो ।
| क्र.स | ताडकासुर (तरकसुर) गण का नाम | ताडाकासुरका रिस्ता (नाता) सम्बन्ध पद |
|---|---|---|
| 1 | बज्राङ्ग | पिता |
| 2 | बरांगी | माता |
| 3 | ताडकासुर/तरकसुर/खापरमष्टोे/खपरे /डाडेमष्टो/ढंडारमष्टो / अठौती मल्ल /तेडीमष्टो | ५२ दलको धनि |
| .. | इसका जन्म स्थान | नेपालका बझांग जिल्ला |
| 4 | खोजरनाथ मष्टो | सेना |
| 5 | ढँडारमष्टो | सेना |
| 6 | निमाउने | सेना |
| 7 | दुधिरखापर (बझाङ्ग छान्ना क्षेत्रमा) | सेना |
| 8 | लाङो मष्टो | सेना |
| 9 | वाँठपालो मष्टो | सेना |
| 10 | निमुन मष्टो | सेना |
| 11 | कवा मष्टो | सेना |
| 12 | कालसिल्ला मष्टो | सेना |
| 13 | कालशैन | सेना |
| 14 | रुमाल मष्टो | सेना |
| 15 | वुडु मष्टो | सेना |
| 16 | थार्प मष्टो /गुरोमष्टो | सेना |
| 17 | दुधेमष्टो | सेना |
| 18 | गललेकमष्टो, वाविरमष्टो | सेना |
| 19 | लाकुँडो, लिउडीमष्टो | सेना |
| 20 | कैलाश, मौभेरीमष्टो, | सेना |
| 21 | विजुलीमष्टो, ठिगालमष्टो, हेरालमष्टो | सेना |
| 22 | लाटो (लटेमष्टो)/ लडे, बान्नी, दुधेशिल्लामष्टो, | सेना |
| 23 | टेँढोमष्टो, उखाडी, बाँ, | सेना |
| 24 | पुँआले, लोहासुर, दयाशिला, | सेना |
| 25 | सिममष्टो, गुरौ, मुडुलो, सुम्लेगुरोमष्टो, | सेना |
| 26 | रागमचुला, भुँयार, कुर्मी, छल, | सेना |
| 27 | लामविष्णु, मशालो, क्युँडी, भातेखोला, | सेना |
| 28 | बाँस्कोटे कैलासऋषी, अलखे, दुधेनाउलो, | सेना |
| 29 | डब्बले, सब्बले, काँके, कुवँरे, | सेना |
| 30 | विकूले, तिखुले, गहते, मसुरे, | सेना |
| 31 | रातोढुङ्गो,जठे, धौलपुरो, | सेना |
| 32 | जिम्दार चौखुट्टे, भमदेली, | सेना |
| 33 | गोरघट्टे, गुडुल्य | सेना |
| 34 | बडीमालिका, मालिका, | बहन (बैनी) |
| 35 | जालापा, | बहन (बैनी)... |
| 36 | ठिगेल्नी, | बहन (बैनी).... |
| 37 | चुगेल्नी, | बहन (बैनी)... |
| 38 | पुगेल्नी, | बहन (बैनी)... |
| 39 | दुलेल्नी, | बहन (बैनी)... |
| 40 | बण्डाल्नी, | बहन (बैनी)... |
| 41 | मण्डाल्नी, | बहन (बैनी)... |
| 42 | खेसमालिनी | बहन (बैनी).... |
| 43 | वृन्दाशैनी, | बहन (बैनी)... |
| 44 | वरदादेवी, | बहन (बैनी)... |
| 45 | जालपादेवी, | बहन (बैनी)... |
| 46 | सुर्मादेवी, | बहन (बैनी)... |
| 47 | भुवानीमाई, | बहन (बैनी).... |
| 48 | शिलादेवी (शैलेश्वरी, | बहन (बैनी).... |
| 49 | वराही,वराङ्गी, भवानी | बहन (बैनी)......... |
| 50 | कटारी मल्ल | सेना |
| 51 | लोहाखडी | सेना |
| 52 | कालिया | सेना |
शौनक (शिवनाम)गोत्र, सिंह राशी भएका कार्तिकेय (मोहन्याल) शिवका जेष्ठपुत्र मानिन्छन्् ।समुन्द्र बगाएका मोहन्याल गोडीयाले जाल हान्दा गोडीयाको जालमा लागेका र त्यो समयमा अयोध्यका राजाकावंशज त्यहाँ घोडामा बसेर सवार गर्दै थिए । मन्दाकिनी भनिने समुन्द्रको मिनो (पानी वहावको बीच भाग) बाट मोहन्याललाई हालिएको तामाको ढोल वगिरहेको थियो । सोही समयमा पाल्की (तापदान) माथि सवार भएका राजाले गोडीयालाई भनेछन्् । त्यो तामाको ढोलमा जालहान भनेपछि गोडीयाले जाल हान्यो र गोडीयाको जालमा लागेको तामाको ढोल भित्रको वालकलाई पाल्कीको सवारबाट ओर्लेर समाती पानी वाहिर ल्याए । विश्वामित्रका सन्ततिले पूजाआजा गरेर ल्याएको कहाँनी वोगटानमा छ । गोडियाको नामले गोविन्दघाट नामाकरण भएको हो । तामाको ढोल बजाउँने कश्यप गोत्रीय ऐर मोहन्यालको ढोली भयो । यो ढोलीको सन्तान रिसेडीमा छ । त्यो समयमा यो पहाडी भूभागमा खपरे (तारकासूर)ले आतङ्ग मचायो त्यसपछि देवभूमिका देवताहरुले वडातडो देवतालाइ पुकार गर्दै भने की...
- जान दैत्य वडातडो मालथलि जान ।
- मोहन्याल दैत्यको दलु कत्यूर ल्यान ।।
- देवताहरुको पुकारलाई स्वीकार गर्दै वडातडो देवता मोहन्याल बोलाउँन माल थलि हुँदै कत्यूर (कार्तिकेयपुर,कुमाऊँगढवाल)गयो । तब भनियो की..
- गयो दैत्य वडातडो, वतासैको स्वर ।
- आयोदलु मोहन्याल की वादलकी ढिक ।।
- श्रीमोहन्यालबाबा(कार्तिकेय)को आगमन भएपछि मोहन्यालले आप्mनो गणलाई निर्देशन दिदै भन्दछन्की .......
- मिल्ल छौ त खपरे हामु सित मिल ।
- नैत मिल्ला खपरेकी लाउततेरीठीक ।।
- केदारका दाईनेतिर तुडयातुडया पानी ।
- नईत मिल्लाखपरेकी समाईल्याएरानी ।।
- केदारैका गाथ मुनी थुम थुम केला ।
- नईमिल्ला खपरेका समाई ल्याय चेला ।।
- यसपछि खपरेसँग युद्ध हुन्छ । युद्धमा मोहन्यालगणका ५२÷५३ नाम भएका वैदिक देवीदेवताहरुले श्री मोहन्यालबाबालाई सहयोग गर्दै खपरेलाई कुटी पिटी मारी सेतीनदी कटाएर लखेट्छन् अनि भनिन्छ की...
- केदारका दाईनातिर तुड्या,तुड्यापानी ।
- केदारले जिती ल्यायो खपरेकी रानी ।।
- गयो दलु खपरेको रुनु रुनु गयो ।
- भयो दैत्य मोहन्याल तेरै भन्नु भयो ।।